Popular Romantic love ghazal Shayari in hindi...
कभी यूं भी आ मेरी आंख में, कि मेरी नजर को खबर ना हो
मुझे एक रात नवाज दे, मगर उसके बाद सहर ना हो
वो बड़ा रहीमो करीम है, मुझे ये सिफ़त भी अता करे
तुझे भूलने की दुआ करूं तो मेरी दुआ में असर ना हो
मेरे बाज़ुऔं में थकी थकी, अभी महवे ख्वाब है चांदनी
ना उठे सितारों की पालकी, अभी आहटों का गुजर ना हो
ये गज़ल है जैसे हिरन की आंखों में पिछली रात की चांदनी
ना बुझे खराबे की रौशनी, कभी बेचिराग ये घर ना हो
वो फ़िराक हो या विसाल हो, तेरी याद महकेगी एक दिन
वो गुलाब बन के खिलेगा क्या, जो चिराग बन के जला ना हो
कभी धूप दे, कभी बदलियां, दिलोज़ान से दोनो कुबूल हैं
मगर उस नगर में ना कैद कर, जहां ज़िन्दगी का हवा ना हो
कभी यूं मिलें कोई मसलेहत, कोई खौफ़ दिल में जरा ना हो
मुझे अपनी कोई खबर ना हो, तुझे अपना कोई पता ना हो
वो हजार बागों का बाग हो, तेरी बरकतो की बहार से
जहां कोई शाख हरी ना हो, जहां कोई फूल खिला ना हो
तेरे इख्तियार में क्या नहीं, मुझे इस तरह से नवाज दे
यूं दुआयें मेरी कूबूल हों, मेरे दिल में कोई दुआ ना हो
कभी हम भी इस के करीब थे, दिलो जान से बढ कर अज़ीज़ थे
मगर आज ऐसे मिला है वो, कभी पहले जैसे मिला ना हो
कभी दिन की धूप में झूम कर, कभी शब के फ़ूल को चूम कर
यूं ही साथ साथ चले सदा, कभी खत्म अपना सफ़र ना हो
मेरे पास मेरे हबीब आ, जरा और दिल के करीब आ
तुझे धडकनों में बसा लूं मैं, कि बिछडने का कभी डर ना हो...
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किसी के पति यदि अधिक क्लेश करते हैं तो वह स्त्री सोमवार से यह उपाय आरम्भ करे |प्रथम सोमवार को अशोक वृक्ष के पास जाकर धुप-दीप से अर्चना कर अपनी समस्या का निवेदन कर जल अर्पित करें|सात पत्ते तोड़कर अपने घर के पूजास्थल में रख कर उनकी पूजा करें|अगले सोमवार को पुन:यह क्रिया दोहराएँ तथा सूखे पत्तों को मंदिर तथा बहते जल में प्रवाहित कर दें
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